यूपीटीईटी पाठ्यक्रम, पुस्तकें और अध्ययन योजना: सफलता के लिए अंतिम रणनीति Mastering UPTET2023: The Ultimate Study Plan and Must-Read Books for Success

UPTET 2023 महत्वपूर्ण बिंदु –
UPTET में दो पेपर होते हैं |
पेपर -1 प्राथमिक स्तर ( कक्षा 1 से 5 तक ) के लिए होता है |
पेपर – 2 उच्च प्राथमिक सस्तर (कक्षा 6 से 8 तक ) के लिए होता हैं |
सभी प्रश्न बहुविकल्पीय होंगें |
नकारात्मक अंको का प्रावधान नहीं होगा |
परीक्षा में 150 प्रश्न होंगे |
परीक्षा की समय अवधि 2:30 घंटे ( 150 मिनट ) होगा |

प्राथमिक स्तर ( कक्षा 1 से 5 तक ) के लिए परीक्षा संरचना –
क्र० सं० | विषय वस्तु | प्रश्नों की संख्या | अंक |
1. | बाल विकास एवं शिक्षण विधि | 30 Mcqs | 30 |
2. | प्रथम भाषा (हिंदी) | 30 Mcqs | 30 |
3. | द्वितीय भाषा (अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू में से कोई एक ) | 30 Mcqs | 30 |
4. | गणित | 30 Mcqs | 30 |
5. | पर्यावरणीय अध्ययन | 30 Mcqs | 30 |
कुल (Total) | 150 Mcqs | 150 |
उच्च प्राथमिक स्तर ( कक्षा 6 से 8 तक ) के लिए परीक्षा संरचना –
क्र० सं० | विषय वस्तु | प्रश्नों की संख्या | अंक |
1. | बाल विकास एवं शिक्षण विधि | 30 Mcqs | 30 |
2. | प्रथम भाषा (हिंदी) | 30 Mcqs | 30 |
3. | द्वितीय भाषा (अंग्रेजी/संस्कृत/उर्दू में से कोई एक ) | 30 Mcqs | 30 |
4. (क) गणित एवं विज्ञान शिक्षक के लिए विज्ञान (ख) सामाजिक विज्ञान या सामाजिक अध्ययन शिक्षक के लिए सामाजिक अध्ययन (ग) अन्य किसी शिक्षक के लिए (क) अथवा (ख) में से कोई | 60 Mcqs
| 60 | |
कुल (Total) | 150 Mcqs | 150 |
अध्ययन योजना(UPTET 2023 Study Plan ):
अध्ययन योजना बनाना आपकी तैयारी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक अच्छी अध्ययन योजना आपको सही दिशा में ले जाएगी और आपके अधिगम को सुधारेगी। अध्ययन योजना बनाने के लिए निम्नलिखित टिप्स का ध्यान रखें:
1. पहले से तय करें कि आपकी तैयारी के लिए कितना समय उपलब्ध है।
2. अध्ययन योजना में विषय के अनुसार समय बाँटें।
3. अध्ययन योजना में अलग-अलग प्रकार के परीक्षाओं के लिए समय निर्धारित करें।
4. अध्ययन योजना में विषय के अनुसार पाठ्यक्रम के लिए पुस्तकों की सूची तैयार करें।
5. अपने अध्ययन योजना में आराम से विश्राम का समय भी शामिल करें।
यूपीटीईटी के लिए पुस्तकें(UPTET 2023 Books):
यूपीटीईटी की तैयारी के लिए कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकों को समझना आवश्यक होता है। यूपीटीईटी के लिए कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें निम्नलिखित हैं।
1. UPTET/CTET Child Psychology & Pedagogy Chapter-wise Solved Papers by yct
2. UPTET / CTET & All StateTET 2021 Hindi Bhasa Avam Shikshan Chapterwise Solved Papers in Hindi yct
3. UPTET/CTET Primary Level Examination Refresher 2022 by yct
4. UPTET/CTET Primary Level Solved Papers For I - V Teachers Solved Papers 2022-23 Vol 1 (Paperback, Hindi, yct)
UPTET प्राथमिक स्तर ( कक्षा 1 से 5 तक ) के लिए पाठ्यक्रम -
1. बाल विकास एवं शिक्षण विधियाँ :-
(क) विषय वस्तु
बाल विकास :-
* बाल विकास का अर्थ, आवश्यकता तथा क्षेत्र, बाल विकास की अवस्थाएं शारीरिक विकास, मानसिक विकास ,संवेगात्मक विकास,भाषा विकास- अभिव्यक्ति क्षमता का विकास, सृजनात्मकता एवं सृजनात्मक क्षमता का विकास।
* बाल विकास के आधार एवं उनको प्रभावित करने वाले कारक-वंशानुक्रम, वातावरण। (पारिवारिक, सामाजिक, विद्यालयीय, संचार माध्यम)
सीखने का अर्थ तथा सिद्धान्त :-
* अधिगम (सीखने) का अर्थ प्रभावित करने वाले कारक,अधिगम की प्रभावशाली विधियाँ।
* अधिगम के नियम- थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम एवं अधिगम में उनका महत्व |
* अधिगम के प्रमुख सिद्धान्त तथा कक्षा शिक्षण में इनकी व्यावहारिक उपयोगिता, थार्नडाइक का प्रयास एवं त्रुटि का सिद्धान्त.पैवलव का सम्बद्ध प्रतिक्रिया का सिद्धान्त,स्किनर का क्रिया प्रसूत अधिगम सिद्धान्त.कोहलर का सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त.प्याज़े का सिद्धान्त.व्योगास्की का सिद्धान्त सीखने का वक्र- अर्थ एवं प्रकार, सीखने में पठार का अर्थ और कारण एवं निराकरण।
शिक्षण एवं शिक्षण विधियाँ :-
* शिक्षण का अर्थ तथा उद्देश्य, सम्प्रेषण, शिक्षण के सिद्धान्त, शिक्षण के सूत्र, शिक्षण प्रविधियाँ, शिक्षण की नवीन विधाएँ (उपागम), सक्ष्म शिक्षण एवं शिक्षण के आधारभूत कौशल ।
समावेशी शिक्षा - निर्देशन एवं परामर्श :-
* शैक्षिक समावेशन से अभिप्राय, पहचान, प्रकार, निराकरण यथा: अपवंचित वर्ग, भाषा, धर्म, जाति, क्षेत्र, वर्ण, लिंग, शारीरिक दक्षता (दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं वाक्,अस्थिबाधित), मानसिक दक्षता ।
* समावेशन के लिए आवश्यक उपकरण. सामग्री. विधियाँ, टी०एल०एम0 एवं अभिवृत्तियाँ ।
* समावेशित बच्चों का अधिगम जाँचने हेतु आवश्यक टूल्स एवं तकनीकी।
* समावेशित बच्चों के लिए विशेष शिक्षण विधियाँ। यथा-ब्रेललिपि आदि।
* समावेशी बच्चों हेतु निर्देशन एवं परामर्श- अर्थ, उद्देश्य, प्रकार, विधियाँ, आवश्यकता एवं क्षेत्र
* परामर्श में सहयोग देने वाले विभाग / संस्थायें :-
> मनोविज्ञानशाला उ0प्र0, प्रयागराज
> मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र (मण्डल स्तर पर)
> जिला चिकित्सालय
> जिला शिक्षा एयं प्रशिक्षण संस्थान में प्रशिक्षत डायट मेण्टर
> पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण तंत्र
> समुदाय एवं विद्यालय की सहयोगी समितियाँ
> सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन
* बाल-अधिगम में निर्देशन एवं परामर्श का महत्व
(ख) अधिगम और अध्यापन :-
* बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं; बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों
असफल होते हैं।
* अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं; बालकों की अधिगम कार्यनीतियां: सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः, अधिगम के सामाजिक संदर्भ ।
* एक समस्या समाधानकर्ता और एक “वैज्ञानिक अन्वेषक' के रूप में बालक।
* बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना,अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की 'ब्रुटियों'
को समझना।
* बोध और संवेदनाएं ।
* प्रेरणा और अधिगम ।
* अधिगम में योगदान देने वाले कारक - निजी एवं पर्यावरणीय |